कामदेव वाशिकरण मंत्र हिंदी में
कामदेव को ज्योतिष शास्त्र प्यार का देवता माना गया है | इसके साथ ही साथ शुक्र ग्रह को भी प्यार होने का कारक माना गया है | इसलिए अगर अपनी पावर बढ़ानी है या आप किसी को आकर्षित करना चाहते हैं तो शुक्र या कामदेव को अपने वश में करें | अब प्रश्न यह आता है कि इन्हें वश में कैसा किया जाए ? तो, आपकी जानकारी के लिए हम यह बता दें कि शुक्र और कामदेव वशीकरण मंत्र से यह संभव है |
ये मंत्र है –यहां पर हम आपके लिए कुछ कामदेव वशीकरण मंत्र लेकर आए हैं जिससे आप अपना मन वांछित फल प्राप्त कर सकेंगे |
१) “ओम् द्राँ द्रीं द्रौं स: शुक्राय नमः ओम शं सम्मोहनाय फट् “
“ओम कामदेवाय विद्मह, रति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंग प्रचोदयात् |”
यह मंत्र दांपत्य जीवन में प्रेम को बढ़ाता है | यह कामदेव वशीकरण मंत्र विधि है -इस मंत्र का जाप श्रीकृष्ण की प्रतिमा अथवा चित्र के समक्ष स्फटिक की माला पर करें | छह माह तक निरंतर प्रतिदिन १०८ माला का जाप करें | इस मंत्र का जाप कामदेव के चित्र के समक्ष भी किया जा सकता है |
२) कामदेव का शाबर मंत्र भी बढ़ाता है आपका कामपावर | यह मंत्र है “ओम नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो भवामि यस्य यस्य मम मुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहा “ ..ऐसा मंत्र जिसके जाप से व्यक्ति में शक्ति और यौन क्षमता में वृद्धि होती है |
३) कामदेव वशीकरण मंत्र जो किसी को भी बाँध दे | जी हां, अब हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसा कामदेव वशीकरण मंत्र जिससे खोया प्यार पाया जा सकता है | यह मंत्र है -” क्लीं मंत्र “ | इसका प्रतिदिन जाप करने से सामने वाला व्यक्ति पूर्ण रूप से आकर्षित हो जाएगा | इस कामदेव वशीकरण मंत्र की विधि है– इसे श्रद्धा और ध्यान के साथ सुबह और रात्रि में १०८ बार पढ़े | २१ दिनों के भीतर यह मंत्र सिद्ध हो जाएगा | मंत्र प्रयोग विधि तक शाकाहारी भोजन ही मान्य है | मंत्र के समय जिस व्यक्ति को वश में करना है उसकी पसंद का कोई फल या मिठाई रखें | मंत्र पूरा हो जाने के बाद उसे खिलाएं | मंत्र जाप की समाप्ति के बाद पूर्ण आहुति, हवन करें | साथ ही साथ तर्पण और मार्जन के द्वारा पूर्ण विधि विधान से जाप संपन्न करे | यह मंत्र है –
“ ओम नमो भगवते काम-देवाय श्री सर्व-जन-प्रियाय सर्व-जन सम्मोहनाय
ज्वाल-ज्वाला, प्रज्वाल-प्रज्वाल, हन-हन, वद- वद, तप-तप,
सम्मोहय-सम्मोहय, सर्व-जन मे वशं कुरु-कुरु स्वाहा |”
इस मंत्र से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है |
४) सुयोग्य जीवनसाथी की तलाश के लिए इस मंत्र का जाप करें -”ओम कामदेवाय विद्महे रति प्रियायै धीमहि तन्नो अनंता प्रचोदयात |”
५) रुठे हुए जीवनसाथी को मनाने के लिए निम्न मंत्र अपनाएं | इसे प्रतिदिन सुबह दोपहर और रात में १०८,बार जाप करें | यह क्रिया जब तक दोहराए जब तक कि आपका साथी आपके प्रति वशीभूत ना हो जाए | मंत्र है —
कामदेव वाशिकरण मंत्र हिंदी में
”ॐ नमः काम-देवाय | सहकल सहद्रश सहमसह लिए वन्हे धुनन जनमदर्शनम
उत्कण्ठितं कुरु कुरु, दक्ष दक्षु-धर कुसुम-वाणेन हन हन स्वाहा: |”
इस मंत्र का जाप २१०० बार करने से यह सिद्ध हो जाएगा | मंत्र समाप्ति के बाद तर्पण और मार्जन करें और अंत में ब्राह्मण को भोजन कराएं |
६) “ओम नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो भवामि यश्रा यश्र मम मुखम पछ्यती तत मोहयतु स्वाहा” इस मंत्र का नियमित रूप से सुबह और शाम १०८ बार उच्चारण करें २१ दिनों तक |
७) कामदेव को वश में करने के लिए आकर्षण बढ़ाने की जरूरत है | इसके लिए निम्नलिखित मंत्र का जाप करें –
“ ऐ पिन्स्यां कलीं काम-पिशाचिनी शिघ्रं अमुक ग्राह्य ग्राह्य,
कामेन मम रुपेण वश्वौं विदारय विदारय, द्रावय द्रावय, प्रेम-पाशे
बन्धाय बन्धाय. ओम श्री फट् |”
इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए २१०० वार इसका जाप करें | मंत्र सिद्ध होने के बाद प्रतिदिन १०८ बार इसका जाप करे |
८) कामदेव वशीकरण मंत्र में अन्यतम उपाय है –गणेश जी की आराधना | इनकी आराधना इस मंत्र से करें “ ओम श्रीं ह्वीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरदं सर्व जनं में वशमानाय स्वाहा |”
८) कामदेव को वश में करने के कुछ अन्य टोटके –
हरसिंगार का एक पौधा घर में लगाएं | सुबह-शाम उसमें पानी डाले और अपनी समस्या को बताएं |
९) सफ़ेद रुमाल में सफ़ेद धागे से गूलर की जड़ को बांध ले | इसे शुक्रवार के दिन धारण करें |
१०) चांदी में सफेद मूंगा की अंगूठी मंडवा ले | अब इसे सिद्ध कराएं किसी जानकार से तथा तर्जनी में धारण करें |
११) गोरोचन को केले में मिलाकर लेप तैयार करें | अब इस लेप को सिर पर लगाएं | इससे आकर्षण में वृद्धि होगी |
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१२) अब हम आपको एक ऐसा कामदेव वशीकरण मंत्र और ताबीज बताने जा रहे हैं जिसके प्रयोग से आपको अवश्यंभावी फल मिलेगा | ..मंत्र है –
“ ॐ क्लीं कामदेवाय सर्वजन आकर्षण कुरु कुरु स्वाहा |”
मंत्र की साधना शुक्रवार रात्रि १० के बाद आरंभ करें | उत्तर दिशा में लाल वस्त्र पहनकर आसन के ऊपर बैठे | लाल वस्त्र बिछाए बजोट पर | इसे अपने सामने रखें | अब सादे कागज या भोजपत्र पर “ क्ली “ लिखे कुमकुम से और इसे स्थापित करें | अब यंत्र के ठीक सामने कुमकुम मिलाए हुए चावल की ढेरी बनाएं | इस पर तिल के तेल का दीपक जलाकर स्थापित करें | गुरु मंत्र का जाप करें | गणेश पूजन करें | अब दीपक की ओर देखते हुए मूंगा माला से ५१ माला जाप करें मूल मंत्र का | यह प्रक्रिया ५ दिनों तक जारी रहे | अंतिम दिन कम से कम १०८ आहुति दे घी से | क्रिया समाप्ति के बाद कपड़े, चावल आदि विसर्जित करें |
चांदी की ताबीज में क्ली बीज अंकित किया हुआ भोजपत्र या कागज डालकर संभाल कर रखें | आप को किसी को वश में करना हो तो ताबीज को गले में धारण करें | ५१ माला का उसी माला से जाप करें मंत्र का | यह प्रक्रिया रात्रि में ही करें | ताबीज को गूगल की धूप अवश्य प्रदान करें |
किसी को भी वशीभूत कर दे कामदेव वशीकरण मंत्र का प्रयोग करके| यदि आपका प्यार आपसे रूठ गया है और पास में नहीं आता है या किसी और को पसंद करता है तो डरने की जरुरत नहीं है | कामदेव वशीकरण मंत्र से किसी को भी अपनी तरफ आकर्षित किया जा सकता है और जीवन में भरपूर प्रेम भरा जा सकता है | अभी प्रसिद्ध तांत्रिक गुरु जी से परामर्श करे और अपने मनपसंद प्यार को पाए|
कामदेव की आराधना उनके क्लं मंत्र से की जाती है। इस मंत्र को अनुष्ठानिक विधियों के अनुसार उपयोग करने पर मनोवांछित लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। कामदेव के क्लीं मंत्र का प्रतिदिन पाठकर सामने वाले व्यक्ति के मन-मस्तिष्क में मनोवांछित संवेदना जागृत की जा सकती है। इससे उत्पन्न संवेदनशीलता से न केवल भावनात्मक सम्मोहन होता है और वे दूसरे की प्रशंसा करने लगते हैं, बल्कि स्त्री-पुरुष के बीच शारीरिक आकर्षण भी बढ़ता है।
कामदेव वाशिकरण मंत्र हिंदी में
इसके मंत्र का जाप 21 दिनों तक 108 बार सूर्योदय से पहले और रात्री में करने की सलाह दी जाती है। सच्चे मन और ध्यान से जाप करने से कामदेव मंत्र की सिद्धि हो जाती है, जिससे न केवल किसी व्यक्ति को आकर्षित किया जाता है, बल्कि उसके सम्मोहन या वशीकरण को बनाए भी रखा जा सकता है। परंतु हां, कुछ आवश्यक शर्तों के तौर पर मंत्र जाप के दिनों में शाकाहारी भोजन करना आवश्यक है।
मंत्र जाप की समाप्ति के बाद पूर्णहुती हवन, तर्पण और मर्जन के द्वारा विधि-विधान के साथ किया जाता है। जाप के क्रम में प्रिय व्यक्ति की पसंद का फल या कोई मिठाई रखें तथा अभिमंत्रित खाने की वस्तु को सम्मोहन किए जाने वाले व्यक्ति को खिलाएं। इसका चमत्कारी प्रभाव देखने को मिलता है। इसके प्रयोग की खास बात यह है कि इसका किसी भी तरह का नकारात्मक प्रभाव नहीं होता है।
जब किसी व्यक्ति को किसी से प्रेम हो जाए या वह आसक्त हो। विवाहित स्त्री या पुरुष की अपने जीवनसाथी से संबंधों में कटुता हो गई हो या कोई युवक या युवती अपने रुठे साथी को मनाना चाहते हो। किंतु तमाम कोशिशों के बाद भी वह मन के अनुकूल परिणाम नहीं पाता। तब उसके लिए तंत्र क्रिया के अंतर्गत कुछ मंत्र के जप प्रयोग बताए गए हैं। जिससे कोई अपने साथी को अपनी भावनाओं के वशीभूत कर सकता है।
धर्मशास्त्र में कामदेव को प्रेम, सौंदर्य और काम का देव माना गया है। इसलिए परिणय, प्रेम-संबंधों में कामदेव की उपासना और आराधना का महत्व बताया गया है। इसी क्रम में तंत्र विज्ञान में कामदेव वशीकरण मंत्र का जप करने का महत्व बताया गया है। इस मंत्र का जप हानिरहित होकर अचूक भी माना जाता है। यह मंत्र है -
"ॐ नमः काम-देवाय। सहकल सहद्रश सहमसह लिए वन्हे धुनन जनममदर्शनं उत्कण्ठितं कुरु कुरु, दक्ष दक्षु-धर कुसुम-वाणेन हन हन स्वाहा"
कामदेव के इस मन्त्र को सुबह, दोपहर और रात्रिकाल में एक-एक माला जप का करें। माना जाता है कि यह जप एक मास तक करने पर सिद्ध हो जाता है। मंत्र सिद्धि के बाद जब आप इस मंत्र का मन में जप कर जिसकी तरफ देखते हैं, वह आपके वशीभूत या वश में हो जाता है।
क्या किसी को वशीभूत करने के लिए कामदेव वशीकरण मंत्र का प्रयोग करना चाहते है? स्त्री-पुरुष के बीच आपसी प्रेम, सौंदर्य और काम भावना के प्रति आकर्षण के लिए कामदेव को याद किया जाता है। कामदेव को लेकर हमारे धार्मिक ग्रंथों में कई मान्याताएं हैं और इनके संबंध भगवान शिव, ब्रह्मा, गंधर्व के अतिरिक्त प्रेम व आकर्षण की देवी रति के साथ बताए गए हं। कामदेव से जुड़ी कई पौराणिक गाथाएं भी मशहूर हैं, तो इनकी आराधना स्त्री-सम्मोहन या वशीकरण के लिए श्रेष्ठ बताया गया है, तो इसके लिए खास मंत्रजाप की महत्ता बताई गई है।
कामदेव वाशिकरण मंत्र हिंदी में
अथर्ववेद के अनुसार ‘काम’ का अर्थ कामेच्छा या आकर्षण से है तो ‘देव’ का अर्थ विशिष्ट शख्सियत से होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार कामदेव भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के पुत्र हैं, जिनका विवाह रति के साथ हुआ। रति को सौंदर्य, सम्मोहन और प्रेम की देवी कहा गया है। कामदेव को ही अर्धदेव या गंधर्व भी कहा गया है, जिन्हें स्वर्गलोक के वासियों में कामेच्छा जगाने का उत्तरदायित्व सौंपा गया था।
शिव महापुराण की एक कथा के अनुसार भगवान शिव की पत्नी सती ने अपने पिता के द्वारा पति के अपमानित होने पर यज्ञ की अग्नि में आत्मदाह कर लिया था। सती की मृत्यु के बाद भगवान शिव काफी आहत और विचलित होने के बाद सभी तरह के बंधनों और रिश्ते-नाते को तोड लिया था। तमाम सांसारिक मोह-माया को त्यागकर तप में लीन हो गए थे। उनके इस तप को कामदेव ने ही अपने तीर से भंग किया था और उनमें देवी पार्वती के प्रति वशीकरण की भावना विकसित की थी।
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कामदेव का संबंध भले ही प्रेम और कामेच्छा से हो, लेकिन जीवन में इनकी सकारात्मक भूमिका को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। यह कह सकते हैं कि कामदेव व्यक्ति को न केवल ऊर्जान्वित करने वाले देव हं, बल्कि इनकी उपयोगिता और उपस्थिति संबंध के तकाजे पर सम्मोहन को भी परिभाषित करता है। पश्चिमी देशों में क्यूपिड और यूनानी देशों में इरोस के नाम से प्रेम का प्रतीक माने गए कामदेव ही हैं, जिन्हें हिदूं ग्रंथों में प्रेम और सम्मोहन के देवता की संज्ञा दी गई है।